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Category Archives: Ghazals
Sawaal uthtaa hai…
तुझे देखूँ कि न देखूँ सवाल उठता है, यहाँ हर हाल में कोई बवाल उठता है. किसी सहरा में ज़मींदोज बगूले की तरह, दिले-बरबाद में तेरा ख़याल उठता है. यूँ तो बदरंग हो गयी है जिंदगी मेरी, मेरे ख़्वाबों में … Continue reading
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kalam mein nahin..
अशआर उतर पाते नहीं अब कागज़ पे, सियाही जिंदगी में है, पर कलम में नहीं. रहते हैं मेहरबां मेरे रकीब पे ज़ियादा , कुछ बात उसमें है जो गोया हम में नहीं. कि तड़प उठे मेरी रूह तक शिद्दत ऐसी, … Continue reading
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bhool kar bhi..
दिलो-जाँ में इस तरह से बसाए तुझको, गोया भूल कर भी भूल न पाए तुझको, तुझे देख मेरा दिल संभल नहीं पाता, मेरी बज़्म में कोई न बुलाए तुझको. तू तो जानकर अनजान बना बैठा है, अब कौन दिल का … Continue reading
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yun guzarte hain….
यूँ गुजरते हैं तेरी हर रहगुजर से आज हम, थक गए हों ज्यूँ तेरी उम्मीद से भी आज हम. देख पाना इक नज़र भी आज है कुछ यूँ मुहाल, जैसे सदियों से हुए हों दूर तुझ से आज हम. ढूँढते … Continue reading
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क्या मैं कहना चाहता हूँ….
जब मैं कहता हूँ तुम्हें प्यार किया करता हूँ क्या सोचती हो, क्या मैं कहना चाहता हूँ? माँगता हूँ तेरी जुल्फ़ के घने साये, घड़ी भर को जिनमे आँख मींच सो जाऊँ या बाहों के तेरे ये गुदाज-ओ-नर्म घेरे, गमे-जहाँ … Continue reading
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ho gaya..
जिसको भी मैंने चाहा मगरूर हो गया, सोचा था होगा मरहम नासूर हो गया. मेरे सियाह कूचे और इनमें तेरी आमद, ऐसा लगा कि दिल मेरा पुरनूर हो गया. जान कर खिलौना तुम इस अदा से खेले, शीशे का दिल … Continue reading
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Lagtaa hai..
ये जहाँ बिखरा हुआ सा लगता है, हर दिल मुझे टूटा हुआ सा लगता है. जानता हूँ तू कोई है अजनबी, फिर भी पहचाना हुआ सा लगता है. दिल को होती है तसल्ली जब कभी, फिर से तू आया हुआ … Continue reading
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A Nazm
कई बार इक एहसास सा हुआ मुझको कि निज़ात तेरे गम से मिल गई शायद. वो चाक-गरेबाँ हो या शिकस्ता-दिल, किसी धागे से हर दरार सिल गई शायद. आती है तेरी याद भी अब कुछ कम, मसरूफि़यत मेरे मन को … Continue reading
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Deewaane Nikale….
निकले तो सही, तेरे बहाने निकले, आज फिर कुछ दर्द पुराने निकले. जब जब लगा कि भूल सा गया तुझको, अब्रो-माह तेरी याद दिलाने निकले. (अब्रो-माह = clouds and moon) वो वस्ल के लम्हात कितनी शिद्दत से, याद आये जब … Continue reading
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Maykhaanaa…
ये आ गया हूँ दूर किस वीराने में, चला था ढूँढने छोटा सा कोई मयखाना गुजरी है क्या न पूछो सुन न पाओगे, नहीं आसान दर्द मेरे जितना सह पाना. मज़ा है दर्द-ए-दिल के साथ हँस के जीने में, बड़ा … Continue reading
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