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Category Archives: Hindi
tum kaho…
तुम कहो कैसे भुलाऊं स्मृतियों का उपहार कामनाएँ कुछ जगी थीं प्रेम रस से यूँ पगी थीं ओस की बूंदों से जैसे पुष्प का श्रृंगार, क्या हुआ तुम दे न पाए प्रेम का प्रतिकार तुम कहो कैसे भुलाऊं स्मृतियों का … Continue reading
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yaad kaun karta hai..
याद कौन करता है? मौन एकाकीपन में, हाँ कभी यूँ ही मन में, एक अनजाना सरीखा दर्द सा उभरता है, याद कौन करता है? वो चले गए कब के, साथ तो मैं हूँ सबके, पर मेरे मानस में इक चलचित्र … Continue reading
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achchha lagegaa..
तुम जो कभी आ कर मिलो, अच्छा लगेगा. हमने माना स्वार्थी हैं लोग सारे कर भरोसा जानता हूँ तुम भी हारे आजमाओ, दिल मेरा सच्चा लगेगा. तुम जो कभी आ कर मिलो, अच्छा लगेगा. याद कर गुज़रा समय संताप होता, … Continue reading
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kaagaz ki kashti
ये मेरी कागज़ की कश्ती, माँ पिताजी से छुपाकर फाड़ इक कॉपी का पन्ना, ताकि वो जाएँ न भन्ना, है बनाई दिल लगा कर. मैं मेरी कागज़ की कश्ती, लेके निकला आज देखो, ढूंढ कर प्रवाह वाली, एक बड़ी औ … Continue reading
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Aas….
आस एक निर्झर, बह रहा है, चकित हूँ मैं, देख इसकी, धार को, प्रवाह को. स्त्रोत इसका, क्षुद्र है, पर है अगम. कौन थाहे, आज इसकी, चाह को. यह ह्रदय ही, स्त्रोत है, हिमखंड सा, जो पिघल है बह रहा … Continue reading
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Maun…
मौन क्या है? मौन कोई वस्तु है न, मौन कोई व्यक्ति है, भार है इसका न कोई, न ही कोई शक्ति है, है नहीं अस्तित्व इसका, ये है एक अनुपस्थिति अभिव्यक्ति की. पर तुम्हारा मौन… है हिमालय से भी भारी ह्रदय … Continue reading
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Kaisaa tu paagal hai re man..
Penned this yesterday: कैसा तू पागल है रे, मन. निठुर प्रेम की जोत जलाता, चिर पीड़ा को गले लगाता, जान बूझ कर नित हठपूर्वक, विरह अग्नि में ह्रदय दहन. कैसा तू पागल है रे, मन. छोड़ गए हैं वो तो … Continue reading
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